Tuesday, 07 Jan 25
Become Reporter
logo

Advertisment

ब्रेकिंग न्यूज़

जम्मू कश्मीर : कुलगाम के कद्देर में मारा गया आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन टॉप कमांडर फारूक नल्ली

Featured Image

Janpad News Times

Updated At 20 Dec 2024 at 08:05 AM

Follow us on

Advertisment

ads

दुष्कर्म और अन्य वारदात में शामिल था हिजबुल कमांडर फारूक नल्ली, कश्मीर में कट्टरता को देता रहा बढ़ावा

कुलगाम के कद्देर में मारा गया आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन टॉप कमांडर फारूक नल्ली के खिलाफ दुष्कर्म, छेड़छाड़, कश्मीर में आतंकवाद और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के करीब 37 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, नल्ली का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है। मुठभेड़ में मारे गए पांचों आतंकी कुलगाम के रहने वाले थे। इनके खिलाफ करीब 91 मामले दर्ज थे। सैन्य कमांडर ने इस ऑपरेशन के लिए सुरक्षाबलों को बधाई दी और इसका श्रेय आम जनता को दिया जिन्होंने न केवल आतंकवादियों की जानकारी दी बल्कि पूरे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को सहयोग दिया।

फारूक ए++ श्रेणी का था आतंकी, करीब 37 केस थे दर्ज
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हिजबुल कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ फारूक नल्ली ए++ श्रेणी का आतंकी था। वह 2015 से सक्रिय था। उनके खिलाफ रेप और छेड़छाड़ (376 आरपीसी) के अलावा अन्य आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए करीब 37 पर्चे दर्ज थे। दक्षिण कश्मीर में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने, ओजीडब्ल्यू नेटवर्क सक्रिय करने, स्थानीय आतंकी भर्ती को अंजाम देने में उसकी अहम भूमिका रही है। वह राजनीतिक लोगों को धमकी देने, हमला, पुलिसकर्मियों की हत्या, ग्रेनेड अटैक जैसी वारदात में शामिल रहा है।
अधिकारी ने बताया, मारा गया आतंकी मुश्ताक अहमद इत्तू 2020 से सक्रिय था। उसके खिलाफ 7 केस दर्ज थे। मुश्ताक को हिजबुल में नल्ली ने भर्ती कराया था। इरफान याकूब 2022 से, आदिल हजाम 2023 से और यासिर जावेद 2019 से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था। यह सभी कुलगाम के रहने वाले थे। शोपियां और कुलगाम जिले में हिजबुल के मॉड्यूल को संचालित कर रहे थे। वह काफी समय से सुरक्षाबलों के रडार पर थे और आखिरकार सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी। अधिकारी ने बताया इनके मारे जाने के बाद स्थानीय आतंकियों की संख्या में कमी आएगी।दो माह से कर रहे थे पीछा

कमांडर 2 सेक्टर आरआर ब्रिगेडियर अनिरुद्ध चौहान ने इस सफल ऑपरेशन के लिए सेना की 34 आरआर, कुलगाम पुलिस और सीआरपीएफ को बधाई दी। उन्होंने बताया कि सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस पिछले दो महीने से लगातार हिज़बुल के एक ऐसे ग्रुप के पीछे लगे हुए थे जो कुलगाम और शोपियां ज़िलों में सक्रिय था।

हिजबुल का शोपियां और कुलगाम से सफाया


कमांडर चौहान ने कहा, उन्हें बुधवार को जानकारी मिली कि यह ग्रुप कद्देर के रिहाइशी इलाके में मौजूद हैं। सुरक्षाबलों ने तड़के करीब 3 बजे घेराबंदी की और ऑपरेशन को अंजाम दिया। पहले स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और इस ऑपरेशन को छह घंटे के भीतर समाप्त कर दिया गया। मारे गए सभी आतंकी काफी समय से सक्रिय थे और कई वारदात में शामिल थे। सैन्य अधिकारी ने बताया, इस मॉड्यूल के सफाए से हिजबुल का न केवल शोपियां और कुलगाम से खात्मा हुआ बल्कि कश्मीर में आतंकवाद कमजोर हुआ है।

ये हथियार हुए बरामद
मारे गए आतंकियों के पास से 5 एके-47 राइफल, 20 एके मैगज़ीन, 2 ग्रेनेड, भारतीय मुद्रा के अलावा अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है।

Advertisment

ads