Wednesday, 09 Apr 25
Become Reporter
logo

Advertisment

ब्रेकिंग न्यूज़

चिकन खाने वालों के लिए खतरा गुलियन- बैरे सिंड्रोम : अधपका चिकन न खाएं...', गुलियन-बैरे सिंड्रोम की चिंता के बीच अजित पवार की लोगों को सलाह

Featured Image

Janpad News Times

Updated At 03 Apr 2025 at 10:50 PM

Follow us on

Advertisment

ads

गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के खतरे के बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने जनता से अपील की कि वे एहतियात के तौर पर अधपके चिकन खाने से बचें। पुणे में राज्य के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों में इसको लेकर चिंता बढ़ी है। 


अजित पवार पुणे में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस प्रकोप को मुर्गीपालन की खपत से जोड़ने वाली चिंताओं पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्गियों को मारने की कोई जरूरत नहीं है। पवार ने कहा, हाल ही में खडकवासला बांध इलाके में जीबीएस के मामलों की खबर आई थी। कुछ में इसे पानी में गंदगी से जोड़ा गया, तो कुछ में इसे चिकन खाने से जोड़ा गया। पूरी तरह से जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मुर्गियों को मारने की आवश्यकता नहीं है। 

उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे अपना खाना, खासकर चिकन, अच्छे से पकाकर खाएं, ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके। जीबीएस संक्रमण के कारण हो सकता है और यह कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया से संक्रमित पानी और भोजन से हो सकता है। पवार ने कहा, डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि खाना पूरी तरह से पका हुआ होना चाहिए। जीबीएस की स्थिति नियंत्रण में है और मुर्गियों को मारने की जरूरत नहीं है। 


स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार को जीबीएस का एक और नया मामला दर्ज किया गया, जिससे राज्य में संदिग्ध और पुष्टि किए गए जीबीएस मामलों की संख्या बढ़कर 208 हो गई है। जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमं शरीर की प्रतिरक्षा पणाली परिधीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, जिसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, अंगों में संवेदनहीनता, निगलने या सांस लेने में समस्या हो सकती है। 

Advertisment

ads

Advertisment

image

जरूर पढ़ें

Advertisment

image