खेती बड़ी : खेत में पराली जलाने पर होगी दंडात्मक कार्यवाही
Janpad News Times
Updated At 22 Nov 2024 at 16:37 PM
धान की फसल अवशेष जलाने से बचें, फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के साथ पूरक रूप में बायो-डीकंपोजर के पाउडर के उपयोग को दे बढ़ावा
हार्वेस्टर में सुपर स्टा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रारीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर का प्रयोग करें तथा पराली कदापि न जलायें उप कृषि निदेशक
पराली (धान की पुआल) एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम एवं उल्लंघन करने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध होगी कार्यवाही
चंदौली। उप कृषि निदेशक भीमसेन ने बताया कि पराली (धान की पुआल) एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने को रोकने हेतु कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर का प्रयोग अनिवार्य किया है।
बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन चालकों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अधीन कार्यवाही की जायेगी। पराली जलाने वाले कृषकों से 02 एकड से कम क्षेत्र के लिए रू0 5000/-, 02 से 05 एकड क्षेत्र के लिए रू0 10000/- और 05 एकड से अधिक क्षेत्र के लिए रू0 30000/- तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश है।
उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं के रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तथा तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सचल दस्ता गठित किया गया है। जो पराली जलाने की घटनाओं का निरीक्षण करेंगें। न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विभाग के कर्मचारी एवं राजस्व विभाग के लेखपालों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है जो फसलों को जलाने की घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करेंगे। पराली न जलाकर इसको जैविक खाद में परिवर्तित करने हेतु जनपद में 5000 वेस्ट डिकम्पोजर का वितरण किया जा रहा है। जिसे कृषक बन्धु अपने ब्लाकस्तरीय बीज गोदाम से प्राप्त कर सकते है। पराली जलाये जाने की घटनाओं को रोकने के लिए फसल अवशेष प्रबन्धन की योजना अन्तर्गत कृषि यन्त्रों पर व्यक्तिगत कृषकों के लिए अधिकतम दो यन्त्रों पर 50 प्रतिशत एवं व्यक्तिगत कृषक एवं एफ०पी०ओ० को कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान किया गया है।
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