महामृत्युंजय यज्ञ : प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र को अपने अंदर उतरना जरूरी -दिलीप शास्त्री

Janpad News Times
Updated At 09 Apr 2025 at 10:51 AM
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नीरज अग्रहरी
धीना। नरवन के पिपरी गांव में राजगुरु मठ पीठाधीश्वर काशी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अनंतानन्द सरस्वती महाराज के नेतृत्व में रविवार को दूसरे दिन महामृत्युंजय यज्ञ व श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। महामृत्युंजय यज्ञ में क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया।अयोध्या से आए पंडित दिलीप शास्त्री ने श्रीराम के जीवन चरित्र पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया।उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र को सुनकर काफी भाव विभोर हो गए।
कथावाचक अयोध्या के दिलीप शास्त्री ने श्रीराम कथा सुनाकर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक सानिध्य से मन चित्त शांत होता है।सच्चे मन से कथा श्रवण करने से भगवान का दर्शन प्राप्त होता है।भगवान श्री राम का नाम लेने मात्र से जीवन धन्य हो जाता है।राम नाम में बहुत बड़ी शक्ति है।प्रभु श्रीराम ने मनुष्य जीवन काल में बहुत से कार्य किए जो कि मानव जीवन के लिए प्रेरणा का काम करता है।उन्होंने पिता,माता ,भाई,पत्नी सभी को मानव जीवन का रहस्य बताने का काम किया।इसलिए उनको मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है।आज भी लोग उनके आदर्श को अपने जीवन में उतारने का काम करते है। कथा का रसपान करने वालों में डॉ हरेंद्र राय सदस्य उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन बोर्ड,रमेश राय,संजय मौर्य, डा0 वेदव्यास राय,हरिवंश उपाध्याय, आलोक राय,उमेश राय, कांता सिंह,उमेश राय,रामू यादव, बरसाती मौर्य, बृजबिहारी, रामाशीष गुप्ता, सोनू राय, डा0 अनुपम राय, बिनोद सिंह, ज्वाला सिंह आदि रहे।
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