महायज्ञ : मंगल कलश यात्रा के साथ पांच दिवसीय कथा व महायज्ञ शुरू

Janpad News Times
Updated At 06 Apr 2025 at 08:47 PM
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कमालपुर। गायत्री शक्तिपीठ बहेरी में शांतिकुंज के मार्गदर्शन में बुधवार से पांच दिवसीय श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा व शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का शुरुआत किया गया।जिसकी शुभारंभ मंगल कलश यात्रा व सद्गुरु ज्ञान गंगा सद्ग्रंथ शोभा यात्रा से किया गया।कलश यात्रा बहेरी शक्तिपीठ से निकलकर जनौली होते हुए कमालपुर बाजार से जमुर्खा होते हुए वापस बहेरी शक्तिपीठ पर आकर समाप्त हो गया।कलश यात्रा में कुवांरी बालिकाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थी।गायत्री महामंत्र से सारा माहौल गुंजयामान हो गया।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में बहेरी गांव में पांच दिवसीय श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा एवं शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया है।इसमें पांच दिनों अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।प्रथम दिन बुधवार को मंगल कलश यात्रा,सदगुरू ज्ञान गंगा सद्ग्रंथ शोभा यात्रा व शाम साढ़े 5 बजे श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा,दूसरे दिन सुबह 6 बजे ध्यान साधना व प्रज्ञायोग,सुबह 8 बजे यज्ञ का ज्ञान विज्ञान(गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार)दोपहर 2 बजे कार्यकर्ता संगोष्ठी (संगठनात्मक स्वरूप)शाम साढ़े 5 बजे श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा,तीसरे दिन सुबह 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञायोग,सुबह 8 बजे गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार, दोपहर 2 बजे नव दंपति सम्मेलन, शाम साढ़े 5 बजे श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा,चौथे दिन शाम 4 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञायोग,शाम 8 बजे गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार,दोपहर 2 बजे युवा सम्मेलन,शाम साढ़े 5 बजे श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा व दीप महायज्ञ,पांचवें दिन सुबह 6 बजे ध्यान साधना व प्रज्ञायोग, सुबह 8 बजे गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार,पूर्णाहुति एवं वंदनीय माता जी के न्यूनतम संकल्प,नशा निवारण संकल्प,विदाई समारोह, कन्या पूजन, भोजन प्रसाद वितरण कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बुधवार को कलश यात्रा में सामूहिक रूप से शामिल होकर सफल बनाने का काम किया।कलश यात्रा में सैकड़ों कुंवारी युवतियां सिर पर कलश रखकर चल रही थी।इस मौके पर बृजराज चौबे ,विनोद उपाध्याय, डॉ0 वेदव्यास राय, बृजेश सिंह,विनोद मौर्य, दुष्यंत सिंह, राकेश सिंह, राजन सिंह, बालमुकुंद सिंह, संदीप सिंह, विशाल सिंह, सत्यप्रकाश, सचिदानंद, सुमन, कान्ति, ममता सिंह, सावित्री आदि रहे।
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