खेती - बाड़ी : किसान उर्वरक के लिए खतौनी और आधार कार्ड अवश्य लाएं : जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार
Janpad News Times
Updated At 20 Nov 2024 at 17:56 PM
फसल की आवश्यकता के अनुरूप ही पी०ओ०एस० मशीन पर अंगूठा लगाकर क्रय करें उर्वरक
चंदौली। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि उर्वरक के लिए किसान अपने साथ आधार कार्ड और खतौनी साथ जरूर ले आएं। उन्होंने बताया कि 2024-25 में उर्वरकों की समयानुसार भारी मांग को देखते हुए इसके वितरण पर जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर नजर रखी जा रही है। उर्वरकों की बिक्री अथवा भण्डारण की अनियमितता प्रकाश में आने पर असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के लिए कृषि विभाग को निर्देश प्राप्त हुए है। कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक / बीज निर्धारित दर पर उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा उर्वरकों / बीजों पर भारी अनुदान प्रदत्त कराया जाता है। बीज विक्रेताओं को अवगत किया जाता है कि प्रमाणित / आधारीय बीजों की ही बिक्री उचित दर पर करे। अपने प्रतिष्ठान पर प्रमाणीकरण संस्था द्वारा प्राप्त टैग लगा बीज ही बिक्री करें। जिन विक्रेताओं द्वारा बिना बीज प्राधिकार पत्र के बीजों की बिक्री की जायेगी, उसके विरूद्ध बीज अधिनियम की धारा 1985 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जायेगी। आप अपने उर्वरक प्रतिष्ठान/बीज प्रतिष्ठान से सम्बन्धित समस्त अभिलेख तथा क्रय/विक्रय पंजिका, गोदाम, कैशमेमों, स्टाक बोर्ड, रेटबोर्ड एवं उर्वरक प्राधिकार पत्र / बीज अनुज्ञप्ति पत्र आदि को अद्यतन रखे। यदि उर्वरक बिक्री केन्द्रों / बीज केंद्रों द्वारा कृषकों को कैश मेमों/ बिल नहीं दिया जाता है और किसी कृषक द्वारा शिकायत संज्ञान में आया तो सम्बन्धित उर्वरक विक्रेता/बीज विक्रेता के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कर दी जायेगी।
कृषकों हेतु उपलब्ध कराये गये इन अनुदानित उर्वरकों का असामाजिक तत्वों द्वारा अन्य उपयोगो में अन्तरित करने का प्रयास किया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए शासन द्वारा किसानों की खतौनी तथा बोई गयी फसल के अनुसार उर्वरक / बीज वितरण अनिवार्य कर दिया गया है। जनपद के उर्वरक विक्रेताओं को फास्फेटिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। किसान भाईयों से अनुरोध है कि उर्वरक क्रय करने हेतु निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रों अथवा साधन सहकारी समितियों पर अपने साथ खतौनी तथा आधार कार्ड अवश्य ले जाये तथा पी०ओ०एस० मशीन पर अंगूठा लगाकर बोई गयी फसल की आवश्यकता के अनुरूप ही उर्वरक क्रय करे।
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