आईटी इंजीनियर आत्महत्या प्रकरण : पत्नी के आरोपों से टूट गया था अतुल...

Janpad News Times
Updated At 13 Mar 2025 at 11:08 PM
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जौनपुर। बंगलूरू में आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या की चर्चा बुधवार को कचहरी परिसर में रही। तमाम अधिवक्ताओं ने अतुल के अधिवक्ता से बात की और पूरे मामले की जानकारी ली। अतुल के अधिवक्ता दिनेश मिश्रा मुताबिक, निकिता ने पहले अतुल पर एक महिला से अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया था।
इसका हलफनामा कोर्ट में भी दिया था। इससे अतुल टूट गया था। वह बेटे से मिलने के लिए तरसता था। इसका जिक्र कई बार किया था, लेकिन बेटे से नहीं मिल सका। सामाजिक प्रतिष्ठा दांव पर लग गई थी। इससे तनाव में आ गया। दबाव नहीं झेल पाया और जान दे दी।
बिहार के समस्तीपुर जिले के वैनी पूसा रोड निवासी अतुल की शादी 26 अप्रैल 2019 को जौनपुर के ढालगर टोला निवासी निकिता सिंघानिया की शादी वाराणसी के एक होटल में हुई थी। शादी के बाद आठ अगस्त 2019 को बीमारी से निकिता के पिता मनोज सिंघानिया का निधन हो गया।
पिता के निधन का मामला निकिता ने अदालत के समक्ष रखा और कहा कि अतुल की तरफ से 10 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। इस वजह से पिता सदमे में आ गए और उनकी मौत हो गई। निकिता के पिता की मौत के बाद अतुल और उसके पिता जौनपुर आए थे। दो दिन तक निकिता के घर रुके भी थे।
इसके बाद निकिता पति के साथ बंगलूरू चली गई। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। इसी बीच दोनों के बीच विवाद हो गया। शादी से पहले निकिता लखनऊ, दिल्ली में नौकरी करती थी। शादी के बाद बंगलूरू में काम करने लगी। वर्तमान में दिल्ली में रहकर नौकरी कर रही है।
निकिता की मां और भाई ने मीडियाकर्मियों को धमकाया
अतुल की आत्महत्या के बाद निकिता और उसके परिजन सामने नहीं आ रहे हैं। बुधवार को कुछ मीडिया कर्मी जौनपुर स्थित निकिता के आवास पर पहुंच गए। निकिता तो सामने नहीं आई, लेकिन उसके भाई और मां ने घर की बालकनी में आकर मीडियाकर्मियों को धमकाया। कैमरा बंद करने की हिदायत दी और कहा कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिवक्ता और पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में ही किसी से बात की जाएगी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जो कि खूब वायरल हो रहा है। निकिता के परिजनों की आलोचना भी की जा रही है।
कोर्ट में लगाए गंभीर आरोप
पत्नी निकिता सिंघानिया ने न्यायालय के समक्ष अपने पति अतुल सुभाष पर गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि उसके संबंध एक दूसरी महिला से है। साक्ष्य के रूप में कुछ प्रस्तुत भी किया है। अतुल निकिता को भी गुजारा भत्ता देता था। भरण-पोषण का आदेश 29 जुलाई 2024 को हुआ था। करीब साढ़े चार महीने तक अतुल ने आदेश से असहमति नहीं जताई।
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