मत्स्य विभाग : केज विधि से मछली पालन के लिए चंदौली को मिला 2 करोड़ 34 लाख
Janpad News Times
Updated At 02 Dec 2024 at 06:31 AM
चंदौली। जनपद में केज विधि यानि पिंजरे में मछली पालन करने लिए 2.34 करोड़ रुपये का बजट मिला है। इसमें प्रति केज तीन लाख रुपये निर्धारित की गई है। मत्स्य विभाग की ओर से आवेदक को 60 प्रतिशत तक का अनुदान भी मिलेगा। केज विधि से मछली पालन के लिए 130 लोगों का चयन किया गया है।
धान के कटोरा को मछली उत्पादन का हब बनाने की दिशा में पहली बार केज विधि से मछली पालने के लिए मत्स्य विभाग को बजट मिल चुका है। ताकि मछली पालक अधिक से अधिक मछली का उत्पादन कर सकें। तीन लाख रुपये की लागत से लगने एक केज के लिए मत्स्य पालकों को 60 प्रतिशत अनुदान भी मिलेगा।
सहायक निदेशक मत्स्य रवींद्र प्रसाद ने बताया कि जिले में केज विधि से मछली पालन के लिए बजट मिल चुका है। 130 किसानों का चयन किया गया है। विभाग की वेबसाइट पर पांच से छह कंपनियां केज लगाने के लिए सूचीबद्ध हैं। केज लगवाने के लिए आवेदक पहले इनमें से किसी एक का चयन करना होगा जो किसान के बताए गए जलाशय में लगाएंगे। इसके बाद आवेदक को अनुदान की राशि मिलेगी।
सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि जिले प्रमुख मुसाखाड़, भैसौड़ा और नौगढ़ के जलाशयों में केज प्रणाली से मछली पालन कराया जाएगा। इसके लिए जलाशयों के आसपास रहने वाले लोगों को चयन कर प्रशिक्षित किया गया है।
केज (पिंजरा) लोहे की जाल की मदद से जलाशय के गहरे पानी में चार से पांच मीटर क्षेत्र फल में सभी ओर से बंद कर पिंजरा तैयार किया जाता है। इसमें मछली का पालन किया जाता है। इस तरह से सोनभद्र और सिद्धार्थनगर सहित एशिया के कई देशों में मत्स्य पलान किया रहा है।
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