संगठन के धरातल से सशक्त नेतृत्व तक का सफ़र
आशुतोष मिश्रा ने 2009 में राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि ने उन्हें न केवल राजनीतिक दर्शन बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में नीति की भूमिका को भी गहराई से समझने में सक्षम बनाया। छात्र जीवन से ही विचारशीलता और संवेदनशीलता उनके व्यक्तित्व में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी।
कुशीनगर

आशुतोष मिश्रा
8:22 AM, September 3, 2025
आशुतोष मिश्रा
कुशीनगर। भारतीय राजनीति में कुछ नाम ऐसे होते हैं, जो मंच पर भले ही नज़र न आएं, लेकिन ज़मीन पर उनका प्रभाव गहरा होता है। ऐसे ही एक समर्पित, कर्मशील और विचारशील कार्यकर्ता हैं आशुतोष मिश्रा, जिनका मूल निवास उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद के ग्राम चाफ, ब्लॉक दुदही में है। यह नाम क्षेत्रीय राजनीति में अपनी सादगी, संगठनात्मक निष्ठा, वैचारिक प्रतिबद्धता और जनसेवा के समर्पण के लिए पहचाना जाता है।
आशुतोष मिश्रा ने 2009 में राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि ने उन्हें न केवल राजनीतिक दर्शन बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में नीति की भूमिका को भी गहराई से समझने में सक्षम बनाया। छात्र जीवन से ही विचारशीलता और संवेदनशीलता उनके व्यक्तित्व में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी।
यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की दिशा तय हुई। एक विचारशील छात्र से एक सक्रिय कार्यकर्ता बनने का उनका सफर पूरी तरह जनसंपृक्त और सिद्धांतनिष्ठ रहा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और हर ज़िम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाया।
वर्ष 2007 से 2009 तक वे मतदाता रक्षा प्रकोष्ठ के ज़िला संयोजक रहे, जहाँ उन्होंने मतदाता जागरूकता और निष्पक्षता की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया। इसके पश्चात 2009 से 2012 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के ज़िला उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने युवा शक्ति को संगठित किया। 2013 से 2014 तक वे पंचायत प्रकोष्ठ के ज़िला उपाध्यक्ष रहे और ग्राम पंचायत स्तर तक संगठन को मजबूती प्रदान की।
उनकी कार्यशैली में दो बातें प्रमुख रहीं — एक, हर कार्यकर्ता को साथ लेकर चलना, और दूसरा, संगठन के मूल विचारों से कभी समझौता न करना।
आशुतोष मिश्रा केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि एक लेखक और प्रखर वक्ता के रूप में भी उनकी विशेष पहचान है। विकास का नाम नरेंद्र मोदी नामक पुस्तक में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास मॉडल को विस्तार से रेखांकित किया है। यह पुस्तक न केवल एक राजनीतिक विचार है, बल्कि उनके गहन अध्ययन और राष्ट्रभक्ति की झलक भी देती है।
उनकी भाषा सहज है, विचार स्पष्ट हैं और राष्ट्र के प्रति समर्पण अटूट। इसी वजह से वे आमजन में लोकप्रिय हैं और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं।
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राजनीति उनके लिए केवल पद या पहचान का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा का एक सशक्त मंच है। आशुतोष मिश्रा के सामाजिक जीवन की विशेषता यह है कि वे पीड़ितों और वंचितों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने अनेक अवसरों पर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया, बीमारों के इलाज की व्यवस्था की, और कई निर्धन कन्याओं के विवाह में न केवल आर्थिक सहयोग किया बल्कि स्वयं उपस्थित होकर सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाई।
कोरोना काल में जब बहुत से लोग अपने घरों में सीमित थे, आशुतोष मिश्रा ज़रूरतमंदों के बीच राशन, मास्क और दवाइयों की व्यवस्था में जुटे रहे। आपदा में सेवा की भावना ही सच्चे जनसेवक की पहचान होती है, और उन्होंने यह भूमिका बख़ूबी निभाई।
वे उन लोगों में से हैं जो किसी भी असहाय व्यक्ति की पीड़ा को देखकर मौन नहीं रहते, बल्कि उसकी मदद के लिए स्वयं पहल करते हैं — चाहे वह रात का समय हो या दिन का, गांव का दूरस्थ कोना हो या कस्बे की कोई गली।
जहाँ आज राजनीति में प्रचार और प्रदर्शन का बोलबाला है, वहाँ आशुतोष मिश्रा जैसे नेता विचार और व्यवहार की ईमानदार मिसाल हैं। वे मानते हैं कि राजनीति का आधार संगठन और सेवा होना चाहिए, न कि केवल सत्ता और स्वार्थ।
उनका व्यवहार सरल है, जीवनशैली संयमित है और विचारों में दृढ़ता है। हर वर्ग, हर पीढ़ी और हर विचारधारा के लोग उनके पास निःसंकोच अपनी बात रख सकते हैं। यह ही कारण है कि वे सिर्फ़ एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र के लोगों के बीच "जनसाथी" के रूप में पहचाने जाते हैं।
आशुतोष मिश्रा का जीवन यह दर्शाता है कि संगठन की निष्ठा, वैचारिक प्रतिबद्धता और सामाजिक उत्तरदायित्व से जुड़कर एक साधारण कार्यकर्ता भी असाधारण भूमिका निभा सकता है। उनकी यात्रा केवल पदों की सीढ़ी नहीं है, बल्कि सेवा, समर्पण और सच्चाई की मिसाल है।
आज की राजनीति को ऐसे ही ज़मीनी नेतृत्व की आवश्यकता है जो विचारधारा को सिर्फ़ बोलें नहीं, बल्कि जीवन में जिएं; जो हर वर्ग की चिंता करे, और हर पीड़ित के लिए आशा की किरण बने।