गोरखा गांव की बदहाल सड़क बनी ग्रामीणों की मुसीबत,
गांव में प्रवेश करते हु कीचड़युक्त रास्ते से गुजरना होता है। बारिश के मौसम में यह मार्ग और भी खतरनाक बन गया है,। नरवन परगना की मिट्टी करल और चिकनी होती हैं।जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
धीना चंदौली

3:19 PM, July 19, 2025
नवीन राय
कीचड़ में फिसल कर गिर रहे हैं
ग्राम प्रधान पर भेदभाव करने का आरोप,
25 वर्षों से नहीं हुई मरम्मत सड़क की मरम्मत
धीना। बरहनी विकास खंड के गोरखा गांव में जाने वाली सड़क बदहाल हो गयी हैं कीचड़ भरे रास्तों पर चलना दुश्वार हुआ है।
गांव में प्रवेश करते हु कीचड़युक्त रास्ते से गुजरना होता है। बारिश के मौसम में यह मार्ग और भी खतरनाक बन गया है,। नरवन परगना की मिट्टी करल और चिकनी होती हैं। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विकास के नाम पर गांव की घोर उपेक्षा की जा रही है। गांव निवासी रामप्रवेश राजभर ने कहा कि गोरखा और भैसउर गांव एक ही पंचायत में आते हैं, जिसकी ग्राम प्रधान साधना शुक्ला हैं,।लेकिन वह केवल अपने गांव भैसउर में ही विकास कार्य करवा रही हैं। गोरखा से वोट कम मिलने की वजह से वह गांव के कार्यों की अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक भेदभाव करार दिया।
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25 साल पुरानी इट से बनी सड़क मरम्मत के आभाव में बदहाल हो चुकी हैं।
ग्रामीण मदन गुप्ता ने बताया कि अमड़ा-कसवढ मुख्य मार्ग से गोरखा गांव में जाने वाली लगभग 300 मीटर लंबी सड़क,इट के 'खड़ीजा'से , लगभग 25 वर्षों से बनी थी मरम्मत न होने से सड़क उबड़ खाबड़ हो गयी हैं।इट भी जगह-जगह से उखड़ चुके है। बरसात का पानी लग रहा है।
उन्होंने बताया कि खेती-किसानी के लिए ट्रैक्टर और अन्य भारी वाहन जब इस रास्ते से गुजरते हैं, तो कीचड़ और ज्यादा फैल जाता है। इससे राहगीरों को चलना मुश्किल हो गया है और कई बार लोग फिसलकर गिर जाते हैं। खासकर बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं इस मार्ग पर सबसे अधिक परेशान हो रहे हैं।
ग्राम प्रधान साधना शुक्ला ने कहा कि......
पंचायत में विकास कार्य बिना किसी भेदभाव के कराए जा रहे हैं। गोरखा गांव की सड़क की समस्या संज्ञान में है.। बजट नही है और जैसे ही बजट उपलब्ध होंगे, प्राथमिकता के आधार पर उसे ठीक कराया जाएगा।