खरना का प्रसाद खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ
चंदौली। लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ का चार दिवसीय आगाज शनिवार को नहाय खाय के साथ हुआ।पर्व के दूसरे दिन खरना किया गया।इसके साथ ही प्रसाद ग्रहण कर निर्जला व्रत आरंभ हो गया। लोग खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए छठ पर्व करने वाले लोगों के यहां पहुंचे।रविवार की शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर उसका भोग लगाया गया। प्रसाद का वितरण किया गया।
चंदौली

6:15 PM, Oct 26, 2025
चंदौली। लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ का चार दिवसीय आगाज शनिवार को नहाय खाय के साथ हुआ।पर्व के दूसरे दिन खरना किया गया।इसके साथ ही प्रसाद ग्रहण कर निर्जला व्रत आरंभ हो गया। लोग खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए छठ पर्व करने वाले लोगों के यहां पहुंचे।रविवार की शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर उसका भोग लगाया गया। प्रसाद का वितरण किया गया।
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं और पूजा के बाद खरना का प्रसाद खाकर 36 घंटे के निर्जला व्रत का आरंभ करती हैं।
लोक आस्था के महापर्व छठ आज यानी रविवार को दूसरा दिन है। नहाय-खाय के बाद व्रती ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। शाम को
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अधिकतर छठ वर्ती खरना का प्रसाद मिट्टी के बने नये चूल्हे पर इस दिन आम की लकड़ी से आग जलाकर प्रसाद बनाए। नए गुड और चावल ,दूध का खीर बनाया गया।
गुड़ और चावल की खीर बनाकर उसका भोग लगाया गया। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ही व्रती निर्जला व्रत रखकर अगले दिन यानी सोमवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी और मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर संतान और परिवार के लिए मंगल कामना करेंगी। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा का भी विशेष महत्व होता है। खरना छठ पूजा के सबसे महत्वपूर्ण पूजा दिनों में से एक है। इस दिन छठी मैया का आगमन होता है जिसके बाद भक्त 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू की।
