भागीरथी के भयावह रूप से भय में आए तटवर्ती इलाके के लोग
भारी बारिश और देश के अन्य हिस्सों में नदियां उफान पर हैं। गंगा में भी लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है।जनपद के गंगा के तटवर्ती इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।इंसानों से लेकर जानवरों तक को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।कुंडा,कैली,बहादुर पुर, कुरहान,चाहनिया आदि क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं।
चन्दौली

10:31 PM, August 5, 2025
उफान पर गंगा, मचा हाहाकार, तटवर्ती इलाकों में हजारों की आबादी लाचार
कई जगह सड़कों पर भरा पानी,खेत हुए जलमग्न
चंदौली। भागीरथी इस समय अपने उफान पर बह रही हैं।जिससे धान के कटोरे के रूप में विख्यात चंदौली जनपद में बाढ़ का भयावह रूप दिखाई देने लगा हैं। जाह्नवी के तटवर्ती इलाके के लोग भय में जीवन यापन कर रहे हैं।खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हैं।सड़कों पर पानी भर गया है।जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है।प्रशासन और प्रतिनिधि दौरा कर हालात का जायजा ले रहे हैं। सोमवार को गंगा का जलस्तर 72 मीटर से ऊपर पहुंच गया। जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण चहनियां क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों ने भय से खुद ही पलायन शुरू कर दिया है, जबकि प्रशासन भी सतर्क होकर गांवों को खाली कराने में जुट गया है।

भारी बारिश और देश के अन्य हिस्सों में नदियां उफान पर हैं। गंगा में भी लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है।जनपद के गंगा के तटवर्ती इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।इंसानों से लेकर जानवरों तक को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।कुंडा,कैली,बहादुर पुर, कुरहान,चाहनिया आदि क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं।
प्रशासन भी हुआ सक्रिय
बलुआ और मारूफपुर पुलिस चौकी की सक्रियता से सबसे अधिक खतरे में दिख रहे हसनपुर गांव के लोगों को उनके घरों से निकालकर मारूफपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्र पर भेजा गया। चौकी प्रभारी अमित सिंह ने सोमवार सुबह 6 बजे से ही विजय चौधरी, बिनोद चौधरी, अमर चौधरी, लाल बहादुर, अभिमन्यु समेत दर्जनों परिवारों को सुरक्षित निकाला।
गंगा और बाणगंगा की दोहरी मार
बलुआ बाजार और टांडा कला बाजार में गंगा का पानी घुस चुका है। वहीं, बाणगंगा नदी में भी पानी का बहाव तेज हो गया है। इससे किनारे बसे गांवों के खेत जलमग्न हो रहे हैं, और फसलें डूबने के कगार पर हैं। टांडा में स्थित 200 साल पुराना घटवारी माता मंदिर का बरगद का पेड़ भी तेज पानी के दबाव में धराशायी हो गया है, जो इलाके की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
बाढ़ में डूबा श्मशान घाट
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बलुआ बाजार के श्मशान घाट में पानी घुसने से अब शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को सराय घाट तक जाना पड़ रहा है। प्रशासन को आशंका है कि पानी की बढ़ती गति से जल्द ही यहां भी जगह नहीं बचेगी। चूंकि पूरे जनपद के लोग बलुआ घाट पर ही दाह संस्कार के लिए आते हैं, यह स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
प्रशासनिक इंतजाम
मारूफपुर बाढ़ राहत चौकी पर पहुंचे नायब तहसीलदार राजेन्द्र प्रसाद और एडीओ पंचायत राजेश सिंह ने शरणार्थियों के लिए नाश्ता और भोजन की व्यवस्था कराई। प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है और अन्य गांवों में भी लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।
बाढ़ से घिरता प्रसहटा गांव, संपर्क मार्ग भी हुआ जलमग्न
धानापुर विकासखंड क्षेत्र के गद्दोचक और प्रसहटा गांव बाद के पानी से लगभग घिर गया है। गांव के चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है जिससे लोग अब बाढ़ राहत चौकी पर अपने जानवरों और परिवार के साथ शरण ले रहे हैं। ग्रामीण रामबचन, शिव शंभूनाथ, वीरेंद्र कुमार, दिव्यांग मुनिराम अपने जानवरों के साथ घर छोड़ कर हिंगुतर गढ़ में बने बाढ़ चौकी पर पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि चौकी पर न तो जानवरों के लिए चारा है और न ही बिजली की व्यवस्था है। इस बाबत उपजिलाधिकारी सकलडीहा कुंदन राज कपूर ने बताया कि जानकारी होते ही 80 क्विंटल भूसा और विद्युत विभाग को बिजली व्यवस्था सही करने के लिए आदेश दे दिया गया है। नरौली, गद्दोचक सहित अन्य बाद चौकियों पर व्यवस्था सुदृढ़ है।
जरूरत के सामन के साथ ग्रामीण बाद चौकियों पर पहुंचे
हिंगुतरगढ़ और प्रसाहटा के बीच संपर्क मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया हैं। रास्ता अवरुद्ध होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। ऐसे में ग्रामीण समय रहते अपने जरूरत के सामन को घर से निकाल कर अन्यत्र ले कर जा रहे हैं।
बाढ़ के कारण प्रसहटा गांव के लोग अपने जानवरों के साथ हिंगुतर गढ़ में बने बाढ़ चौकी पर पहुंच गए हैं। गंगा में जलस्तर और बढ़ा तो स्थिति काफी बिगड़ सकती है। संपर्क मार्ग पर पानी पहुंच गया है अगर जलस्तर में और वृद्धि हुई तो नाव संचालन की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी