देशभक्ति की शक्ति
भारत में शुरू से ही देशभक्तों की भरमार रही है। स्वतंत्रता संग्राम ने कई देशभक्तों को जन्म दिया। इन देशभक्तों ने देश को समृद्ध बनाने के लिए बहुत त्याग किए हैं। उनके नाम इतिहास में दर्ज हो गए हैं और आज भी उन्हें सम्मान और प्रशंसा के साथ लिया जाता है। भारत के कुछ महान देशभक्तों में महात्मा गाँधी, शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद आदि शामिल थे। बहुत से ऐसे लोग रहे जो देश के लिए देशभक्त थे।
लेख

सूर्यदीप कुशवाहा, वाराणसी उत्तर प्रदेश
10:53 AM, September 1, 2025
देशभक्ति अंधभक्ति नहीं है, यह हमारे देश के इतिहास, संस्कृति और मूल्यों के प्रति गहरा प्रेम और प्रशंसा है। यह हमें ज़रूरत के समय में एकजुट करती है, नागरिक ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देती है और पीढ़ियों को जोड़ती है। देशभक्ति हमारे मतभेदों को मिटाती नहीं है बल्कि हमें उनका सम्मान करने और उन्हें महत्व देने के लिए प्रोत्साहित करती है। जब हम अपने झंडे लहराते हैं और अपने राष्ट्रगान गाते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि देशभक्ति एकता और गौरव की शक्ति है, जो नागरिकों के रूप में हमारी पहचान को आकार देती है और हमें एक राष्ट्र के रूप में एकजुट करती है। अपनी देशभक्ति को पोषित करके, हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करते हैं।
भारत में शुरू से ही देशभक्तों की भरमार रही है। स्वतंत्रता संग्राम ने कई देशभक्तों को जन्म दिया। इन देशभक्तों ने देश को समृद्ध बनाने के लिए बहुत त्याग किए हैं। उनके नाम इतिहास में दर्ज हो गए हैं और आज भी उन्हें सम्मान और प्रशंसा के साथ लिया जाता है। भारत के कुछ महान देशभक्तों में महात्मा गाँधी, शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद आदि शामिल थे। बहुत से ऐसे लोग रहे जो देश के लिए देशभक्त थे। वे अपने देश के लिए जीते थे और इसके लिए अपना जीवन समर्पित करने में संकोच नहीं किया। ये नाम आने वाली पीढ़ियों के लिए शानदार उदाहरण हैं। हमें देशभक्ति रखनी चाहिए और अपनी मातृभूमि के लिए काम करना चाहिए ताकि यह सफल हो सके।
समय के साथ देशभक्ति की भावना लुप्त हो रही हैं औऱ इन दिनों युवा पीढ़ी में ये भावना बहुत कम देखने को मिलती है, ऐसा इसलिए है क्योंकि आजकल लोग अपने जीवन में ही उलझे रहते हैं। वे अत्यधिक स्वार्थी होते जा रहे है। स्वार्थी व्यक्ति वह होते है जो हमेशा अपने बारे में सोचते है और अपने स्वार्थ के आगे सब कुछ भुल जाते है, अपने स्वार्थ को हर चीज में और हर किसी से ऊपर रखते है। दूसरी ओर, देशभक्ति अपने देश के प्रति निःस्वार्थ प्रेम को दरसाता है। जो व्यक्ति खुद में ही परेशान रहता है और खुद को ही महत्व देता है, वो कभी एक देशभक्त नहीं हो सकता। इन दिनों बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भी लोगों को स्वार्थी बनाने में अपना बहुत योगदान दिया है।
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आज के समय देशभक्ति का मतलब सिर्फ देश के लिए जान कुर्बान कर देना ही नही होता है बल्कि की देश और इसके लोगो के भलाई के लिए जिम्मेदार तरीके से कार्य करना भी उसी प्रकार की सच्ची देशभक्ति है। इसका मतलब सिर्फ विचारो को ग्रहण करना नही अपने बल्कि की अपने विचारो और राय को रखना भी होता है। छोटे-छोटे कार्यो द्वारा देशभक्ति को हमारे दैनिक जीवन में भी अपनाया जा सकता है। एक समाज, शहर, राज्य, तथा राष्ट्र की तरक्की इसके लोगो पर निर्भर करती है, इस प्रकार से हम कह सकते है कि एक देश को इसके निवासियो द्वारा ही एक सशक्त राष्ट्र बनाया जा सकता है। हमारी देशभक्ति की शक्ति से ही देश सशक्त और महान बनेगा।