नाग पंचमी पर विशेष: नाग पंचमी केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि ऊर्जा संतुलन और नकारात्मक प्रभावों के निवारण का विशेष अवसर
शास्त्रों के अनुसार, नाग देवता को ऊर्जा, सुरक्षा और आत्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है। नागों की पूजा से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से रक्षा मिलती है, और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
चंदौली

6:37 PM, July 28, 2025
मनोहर कुमार
चंदौली। श्रावण मास में आने वाला नाग पंचमी का पर्व इस बार मंगलवार, 29 जुलाई को पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से मनाया जाएगा। जनपद भर में पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में घी, तेल, चीनी, नाग पूजा की सामग्री और दूध खरीदने वालों की भीड़ देखी जा रही है।

पंचमी तिथि और पूजन मुहूर्त:
पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई की रात 11:24 बजे से हो रही है और इसका समापन 30 जुलाई की रात 12:46 बजे होगा। चूंकि तिथि 29 जुलाई के सूर्योदय पर प्रभावी रहेगी, इसलिए इसी दिन व्रत और पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है।
नाग पंचमी का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व:
श्रावण मास का प्रत्येक दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, लेकिन नाग पंचमी का दिन विशेष रूप से ऊर्जा संतुलन, ग्रह दोष निवारण और आध्यात्मिक साधना के लिए जाना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष, सर्प भय, और अन्य ग्रह बाधाएं शांत होती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, नाग देवता को ऊर्जा, सुरक्षा और आत्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है। नागों की पूजा से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से रक्षा मिलती है, और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
कैसे करें नाग पंचमी की पूजा:
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नाग पंचमी की पूजा के लिए प्रातःकाल का समय श्रेष्ठ माना जाता है।
श्रद्धालु नाग मंदिरों में जाकर या खेतों और जंगलों में जीवित नागों को दूध अर्पित करके पूजा करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यह पूजा नाग लोक तक पहुंचती है और पूजा करने वाले को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।
धार्मिक व पर्यावरणीय संदेश:
नागों को शिव जी का आभूषण और प्राकृतिक संतुलन के रक्षक माना गया है। इस दिन की पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
विशेष संदेश:
नाग पंचमी केवल एक व्रत या धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह दिन हमारे कर्म, आत्मा और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने का दिव्य अवसर है।