करवा चौथ का व्रत आज, जानें क्या रहेगा पूजा का मुहूर्त और कब निकलेगा चांद
10 अक्तूबर को देशभर में करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत का पारण चांद निकलने के बाद ही किया जाता है। ऐसे में आइए इस दिन के शुभ मुहूर्त से लेकर चांद निकलने के समय को विस्तार से जानते हैं।
नई दिल्ली

9:07 AM, Oct 10, 2025
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस वर्ष यह पावन पर्व 10 अक्तूबर यानी आज मनाया जा रहा है। यह दिन प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। मान्यता है कि जो भी महिला इस दिन व्रत रखती हैं और करवा माता की पूजा-अर्चना करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य, दांपत्य सुख और पारिवारिक समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा करवा चौथ में चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। दरअसल, व्रत का पारण हमेशा चंद्र दर्शन के बाद किया जाता है और बिना इसके व्रत अधूरा होता है। ऐसे में आइए इस दिन के महत्व और पूजन को विस्तार से जानते हैं।
करवा चौथ 2025
- पंचांग के मुताबिक चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 9 अक्तूबर को देर रात 10 बजकर 54 मिनट से हो चुका है।
- इस तिथि का समापन 10 अक्तूबर को शाम 07:38 मिनट पर होगा।
- तिथि के अनुसार 10 अक्तूबर यानी की आज करवा चौथ का व्रत मान्य होगा।
- करवा चौथ पर शाम 5 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 11 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
- करवा चौथ पर कृत्तिका नक्षत्र बना हुआ है, जो शाम 5 बजकर 31 मिनट तक है।
- इसपर सिद्ध योग का संयोग है, जो शाम 5:41 मिनट तक है और इसके बाद ही व्यतीपात योग प्रारंभ होगा।
- चन्द्रमा वृषभ राशि में रहेंगे।
- राहुकाल सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12:07 मिनट तक रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12:30 तक रहने वाला है।
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- करवा चौथ पर पूजा के लिए एक साफ चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें।
- चौकी के पास कलश में साफ जल भरकर रखें।
- साफ थाली में सिंदूर, दीपक, गंगाजल, अक्षत और हल्दी रखें।
- थाली में फूल और गुड़ भी अवश्य रखें।
- दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
- माता करवा को फूल माला पहनाएं और देवी को फूल अर्पित भी करें।
- इस दौरान कुछ पैसे, हल्दी, मिठाई, अक्षत और ताजे फल भी रखें।
- करवा चौथ के व्रत की कथा सुनें और दान के लिए जरूर सामग्रियों को निकाल के रखे दें।
- रात को चंद्रमा के निकलने के बाद फिर चंद्रदेव की पूजा करें और उन्हें जल से अर्घ्य दें।
- फिर छलनी से चंद्रमा देखें।
- इसी छलनी से फिर पति की ओर देखें और उनके हाथों से जल ग्रहण करें।
- अब पित के पैर छूकर आशीर्वाद लें और व्रत का पारण करें।
- मिट्टी का एक कलश, चंदन और तांबे का लोटा रख लें।
- फूल, फूल माला, दीपक ,धूप रोली, चावल, मिठाई, फल।
- मेवे, करवा चौथ की कथा की पुस्तक।
- छलनी शुद्ध जल, दूध और दान का सामान।