लोगों के लिए पर्यटन स्थल बन गया है बाढ़ क्षेत्र
कई स्थानों पर देखा गया कि नेता और समाजसेवी बनने वाले केवल एक-दो घंटे के लिए पहुंचते हैं, सेल्फी लेते हैं, अधिकारियों से वार्ता करते हैं ।जिससे लगे कि वह जनता के लिए कुछ कर रहे हैं।जबकि वास्तविकता यह है कि ना तो उन्होंने अपने निजी संसाधनों से कोई सहायता की और ना ही कोई ठोस राहत कार्य शुरू कराया।
चंदौली

2:50 PM, August 6, 2025
नेता, समाजसेवी और भावी प्रत्याशियों से लेकर आम लोग खींचा रहे फोटो और ले रहे सेल्फी
जनपद न्यूज टाइम्स डेस्क
चंदौली। धान के कटोरे के रूप में विख्यात चंदौली के कुछ हिस्से गंगा के तटवर्ती इलाके बाढ़ की विभीषिका का दंश झेल रहे हैं।पिछले कई दिनों से गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है।कुछ इलाकों के संपर्क मार्ग बंद हैं।खेतों में पानी ही पानी नजर आ रह है। प्रभावित लोग मदद आस में आंख गड़ाए बैठे हैं। प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सैर पर निकल पड़े हैं।लेकिन पीड़ितों के यहां सिर्फ एक दो प्रतिनिधि ही पहुंच रहे हैं। न ही व्यक्तिगत रूप से उन्हें संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। प्रतिनिधि और भावी प्रत्याशी माड़ीदार कुर्ता पायजामा पहनकर क्षेत्रों में आरोप प्रत्यारोप में झूल रहे हैं। पीड़ितों की समस्या तक किसी की पहुंच नहीं हैं। नावों में बैठकर पर्यटन कर रहे हैं। आम लोगों और जनप्रतिनिधि के लिए बाढ़ पर्यटन स्थल बन गया है।

बाढ़ चौकी पर जानवरों के साथ बैठे ग्रामीण
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जनपद के गंगा तटवर्ती कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आई हुई है।गांवों में गंगा नदी का पानी तेजी से फैल रहा है। जिससे हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। पानी गांवों में घुस चुका है और सैकड़ों परिवार पलायन को मजबूर हो चुके हैं। फसलें बर्बाद हो गई हैं, घरों में पानी भर गया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। इस मुश्किल समय में प्रशासन द्वारा राहत और बचाव के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी और प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या के कारण ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
ऐसे गंभीर समय में जनप्रतिनिधियों का रवैया जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। कुछ नेता केवल दिखावे के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जा रहे हैं। अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी ‘संवेदनशीलता’ का प्रदर्शन कर रहे हैं। कई स्थानों पर देखा गया कि नेता केवल एक-दो घंटे के लिए पहुंचते हैं, सेल्फी लेते हैं, अधिकारियों से वार्ता करते हैं ।जिससे लगे कि वह जनता के लिए कुछ कर रहे हैं।जबकि वास्तविकता यह है कि ना तो उन्होंने अपने निजी संसाधनों से कोई सहायता की और ना ही कोई ठोस राहत कार्य शुरू कराया।
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय यही नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं।हर सुख-दुख में साथ खड़े रहने की बात करते हैं।लेकिन अब जब ज़मीनी स्तर पर मदद की सबसे ज्यादा ज़रूरत है।तब ये नेता केवल कैमरे के सामने आने तक सीमित हैं।
जनता का आक्रोश जायज़ है। कठिन परिस्थितियों में केवल प्रचार की राजनीति करना अमानवीय है। यह समय दिखावे का नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर मदद का है। प्रशासन अपनी सीमित क्षमता के बावजूद कोशिश कर रहा है, लेकिन जब तक जनप्रतिनिधि ईमानदारी से आगे नहीं आएंगे, तब तक राहत अधूरी ही रहेगी। जनपद के तीन विधायकों के क्षेत्र बाढ़ प्रभावित हैं। केवल जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं है।प्रभावित लोगों का कहना है कि समय पर कोई सहायता नहीं मिल पा रही है।प्रभारी मंत्री ने क्षेत्र का दौरा की ।कुछ सहायता सरकार की तरफ से मुहैया कराई। बाढ़ और बारिश अभी भी सता रही है।इसके बाद लोगों को बीमारी का डर सता रहा है।जानवर भी भूखे प्यासे बिलबिला रहे हैं।